एस्कॉर्ट सर्विस देने के नाम पर करते थे ब्लैकमेल, पुलिस ने इस तरह किया पर्दाफाश

हजारीबाग: देश से आए दिन कई तरह के मामले सामने आते रहते है इस बीच एक और मामला सामने जिसमे पुलिस प्रशासन एवं आम जनता जब तक ठगी के एक तरीके को समझ पा रहे हैं तब तक ठग भी नई तरकीब से ठगी आरम्भ कर देते हैं। अब साइबर आरोपियों ने ठगी के लिए एक नए तरीके इजाद किए है जिसे सेक्सटॉर्शन नाम दिया गया है। झारखंड के हजारीबाग की पुलिस ने फेक फ़ोन कर एस्कॉर्ट सर्विस देने के नाम पर पैसे वसूलने के आरोप में दो को हिरासत में लिया है।

वही पुलिस के अनुसार, दोनों ने अपना अपराध भी स्वीकार किया है। केस के सामने आने के पश्चात् पुलिस की चुनौतियां बढ़ गई हैं तथा साइबर विशेषयो ने fishy लिंक मतलब जिसके माध्यम से फंसाया जाता है, उससे बच कर रहने का आह्वान किया है। बताया जाता है कि हजारीबाग पुलिस को गुप्त तहरीर प्राप्त हुई थी कि कोर्रा थाना इलाके के लाखे में कुछ लड़के एकत्र होकर साइबर अपराध अंजाम देने की फिराक में हैं। लाखे स्थित दयानंद देवचंद रविदास के घर में कुछ लड़के साइबर अपराध को घटना को अंजाम देने के फिराक में थे।

वही तहरीर के आधार पर हजारीबाग पुलिस ने छापेमारी कर सूरज कुमार एवं हेमंत कुमार को पकड़ लिया तथा दोनों को जेल भेज दिया है। पुलिस के अनुसार ठगी के ये अपराधी आउटलुक पर अकाउंट बनाकर दूसरे की आईडी से फेक सिम खरीद कर उसका नंबर इस पोर्टल पर अपलोड कर देते थे। एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर लोगों से ठगी करने वालों ने पूछताछ में अपराध स्वीकार किया है। अपराधियों ने ये भी कहा कि जो ग्राहक उन्हें रुपया नहीं देते तो उनका अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया जाता है। 

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