ये क्या जाने में जाना है जाते हो खफा होकर मैं तब जानू चले जाओ मेरे दिल से जुदा होकर कयामत तक उड़ेगी दिल से उठकर खाक आँखों तक ये रास्ता गया है हसरतों का काफिला होकर तुम्हीं अब दर्द दिल के नाम से घबरा जाते हो तुम्हीं तो दिल में आये थे दर्द ऐ आशियाँ होकर यूँ ही हमदम घड़ी भर को मिला करते तो बेहतर था कि दोनों वक्त ऐसे मिलते हैं जुदा होकर