हरीश ने खुद पर लगे आरोपों को बताया गलत

हरिद्वार: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गोहत्या को लेकर दी गई बयानबाजी को नकार दिया है। उनका कहना था कि उन्होंने किसी तरह की बयानबाजी नहीं की है। उन्होंने इस तरह की बात नहीं की है। उनके नाम से बयान गलत तरह से प्रसारित किया गया। उन्होंने जो बात की है वह गरीबों की आर्थिक उन्नति को लेकर की थी। मिली जानकारी के अनुसार हरीश रावत ने उनके बयान पर बवाल मचने के बाद कहा कि गरीबों को आर्थिक रूप से जोड़ा जाता है।

हरीश रावत ने बयान देकर कहा था कि गोहत्या करने वालों को भारत में नहीं रहने दिया जा सकता है। उन्हें भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है। हरीश द्वारा विरोध किए जाने को लेकर पार्टी ने इसे विरोध के विपरीत बताया। उनका कहना था कि कांग्रेस गौहत्या और असहिष्णुता पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का विरोध कर रही है। वे इस तरह की बात बोल नहीं सकते हैं।

उनके नाम से गलत तरह से बयान दे दिया गया। दरअसल उन्होंने उन कार्यक्रमों को लेकर चर्चा की जिसमें गरीबों को आर्थिक रूप से जोड़ा जाता है। उल्लेखनीय है कि हरीश रावत ने जो बयान दिए थे। उसमें उन्होंने कहा था कि गोहत्या करने वालों को भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

रावत द्वारा विरोध किए जाने को लेकर उनकी पार्टी ने इसे विरोध के विपरीत बताया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस गोहत्या ओर असहिष्णुता पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का विरोध कर रही थी। उनकी पार्टी के विरोध के विपरीत यह माना गया कि कांग्रेस लगातार गौहत्या और असहिष्णुता पर भाजपा नेताओं का विरोध करती रही। मगर उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया जिससे वैमनस्य फैले। वे गौर रक्षा को लेकर उन कदमों के बारे में चर्चा कर रहे थे जो गरीबों को आर्थिक रूप से जोड़ने वाले हैं। ऐसे में उन पर सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए। 

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