जमशेदपुर : पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर मैदान में उतरे नेता हार्दिक पटेल ने शनिवार को ऐलान किया कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सीएम नीतीश कुमार का समर्थन करेंगे क्योंकि जद यू नेता उनके समुदाय से संबंध रखते हैं। हार्दिक ने कहा की, कुमार एक अच्छे मुख्यमंत्री हैं और पटेल समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इसलिए बिहार चुनाव में हम उनका समर्थन करेंगे। बता दे की बिहार में विधानसभा चुनाव अगले महीने शुरू हो रहे हैं। प्रदेश में जनता दल यू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन का मुकाबला भाजपा, लोजपा, आरएलएसपी और हम के गठबंधन से है। जमशेदपुर के कर्म महोत्सव’ में हिस्सा लेने आए हार्दिक ने कोटा आंदोलन के बारे में कहा कि वह इस आंदोलन को उसके तार्किक अंत तक ले जाने की कसम खा चुके हैं। आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए गुजरात सरकार द्वारा घोषित पैकेज के बारे में हार्दिक ने कहा कि जो दिया गया है वह लॉलीपॉप है जबकि उनकी मांग है कि आरक्षण केवल जाति के आधार पर होना चाहिए। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के संयोजक हार्दिक पटेल ने शुक्रवार को घोषणा की, कि वह पैकेज पर नाराजगी दर्ज कराने के लिए लॉलीपॉप आंदोलन शुरू करेंगे। इस बीच, उन्होंने पिछले छह दशकों में आरक्षण की समीक्षा की वकालत की है । उन्होंने कहा, ‘विकास के मोर्चे पर आरक्षण की समीक्षा की जानी चाहिए न कि इसे ख़त्म करने के लिए। हमें इसकी समीक्षा यह देखने के लिए करनी चाहिए कि हम समुदायों का विकास कैसे करें। इस सवाल पर कि क्या वह जाति से अलग आर्थिक रूप से गरीब लोगों के लिए आरक्षण का समर्थन करेंगे, हार्दिक ने कहा कि आरक्षण जाति के आधार पर दिया जाना चाहिए। बतौर मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में गुजरात में विकास के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले डेढ़ दशक में अमीर और अमीर हुए हैं जबकि गरीब और गरीब होते चले गए। जमशेदपुर की अपनी यात्रा के बारे में हार्दिक ने बताया कि उन्हें पता चला कि कुर्मी लोगों की समस्याएं उनके पटेल समुदाय के समान हैं। उन्होंने कहा कि वह मौजूदा ओबीसी के स्थान पर अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल किए जाने की कुर्मी समुदाय की मांग का समर्थन करते हैं। उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा कि केवल समय बताएगा लेकिन साथ ही कहा कि अभी वह अपने समुदाय के युवाओं को चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित करेंगे क्योंकि पटेलों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।