हर दम रहता तेरा ही ख्याल

राज अपने तुमको बताती गयी नजदीक दिल के यूँ आती गयी । हर दम रहता तेरा ही ख्याल यूँ ख्वाब तेरे सजाती गयी । बंदिश तो न थी तेरे प्यार में बन्धन में कैसे समाती गयी ? मंजिल को पाने की ही चाह में कदमों को अपने बढ़ाती गयी । तुम जो मिले ज़िदंगी में प्रिये दुनिया मैं अपनी बसाती गयी ।

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