कुछ बदला बदला सा नसीब नजर आता है दूर दूर तक यादो की लकीर नजर आती थी हम पढ़े तो क्या पढ़े मेरे दोस्त मुझे हर किताब में तेरी तस्वीर नजर आती है राते है उदास दिन बड़े है, ऐ दिल तेरे हौसले बड़े है ए यादे हबीब साथ देना,कुछ मरहले साथ आ पड़े है रुकना हो अगर तो सो बहाने है, जाना है तो रास्ते बड़े है अब जाने कहा नसीब ले जाये, घर से तो हम निकल पड़े है