हर फ़िक्र से आज़ाद होते थे

हर फ़िक्र से आज़ाद होते थे और खुशियाँ इक़ट्ठी होती थीं..!! - वो दिन भी थे, जब अपनी भी गर्मियों की छुट्टी होती थीं..!!

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