'बेटे भाग्य से होते हैं और बेटियां सौ-भाग्य से', अपनी बेटी को भेजे यह शायरियां

आज राष्ट्रीय बालिका दिवस है और आज के दिन लोग अपनी बेटियों को शुभकामनाएं दे रहे हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ खास संदेश जो आप अपनी बेटी को भेजकर या अपने स्टेटस में लगाकार बालिका दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं। आइए बताते हैं।

* मुस्कुराता देख बेटी को मैंने पूछ लिया? कहने लगी पापा ने मुझको बेटा कहा है।

* “महक, मोहब्बत और बेटियाँ कब वहाँ रूकती जहाँ वो पलती हैं घर में संगीत बजता है हर पल बेटियाँ पाज़ेब पहनकर चलती हैं रौनक़ घर में बेटियों से ही होती है मौजूदगी से वो घरों को रोशन करती हैं

* खुद की बहन-बेटी को इज्जत से देखने वाले, दूसरों के बहन-बेटियों की इज्जत के बनों रखवाले। बेटी पर शायरी

* हर परिवार के कुल को बढ़ाती है बेटियां, फिर भी पैरों तले कुचल दी जाती है बेटियां।

* ना जाने ये कैसे लोग है जो बेटियों को कोख में ही मरवाते है, ऐसा लगता है ऐसे गिरे हुए लोग किसी पुरूष की कोख से जन्म लेकर आते है।

* माँ-बाप की एक आह पर छुप-छुप कर रोती है बेटियां, फिर भी आज के दौर में गर्भ में जान खोती है बेटियां।

* वो लड़के अपनी पुरषार्थ को क्या दिखा पाएंगे, जो लड़कियों को इज्जत से नहीं देख पाएंगे। बेटी पर शायरी

* खिलती हुई कलियाँ हैं बेटियाँ, माँ-बाप का दर्द समझती हैं बेटियाँ, घर को रोशन करती हैं बेटियाँ, लड़के आज हैं तो आने वाला कल हैं बेटियाँ।

* बेटी भार नही है आधार, जीवन हैं उसका अधिकार, शिक्षा हैं उसका हथियार बढ़ाओ कदम, करो स्वीकार।

* बेटे भाग्य से होते हैं पर बेटियाँ सौभाग्य से होती हैं।

* जरूरी नही रौशनी चिरागों से ही हो, बेटियाँ भी घर में उजाला करती हैं।

* जिस घर मे होती है बेटियां रौशनी हरपल रहती है वहां हरदम सुख ही बरसे उस घर मुस्कान बिखेरे बेटियां जहाँ।

* सब ने पूछा बहु दहेज़ में क्या-क्या ले आई, किसी ने ना पूछा बेटी क्या-क्या छोड़ आई।

* एक मीठी सी मुस्कान हैं बेटी, यह सच है कि मेहमान हैं बेटी, उस घर की पहचान बनने चली जिस घर से अनजान हैं बेटी।

* बिटिया मेरी कहती बाहें पसार उसको चाहिए बस प्यार-दुलार, उसकी अनदेखी करते हैं सब क्यों इतना निष्ठुर ये संसार।

* ख़ुश्बू बिखेरती फूल है बेटी, इंद्रधनुष का सुंदर रूप है बेटी, सुरों को सुंदर बनाने वाली साज है बेटी हकीकत में इस धरती का ताज है बेटी।

* बिन बिटिया के कैसे बसेगा घर-परिवार कैसे आएगी खुशियाँ कैसे बढेगा संसार गर्भ से लेकर यौवन तक बस उस पर लटक रही है हरदम तलवार।

* मातृशक्ति यदि नही बची तो बाकी यहाँ रहेगा कौन? प्रसव वेदना, लालन-पालन सब दुःख-दर्द सहेगा कौन? मानव हो तो दानवता को त्यागो फिर ये उत्तर दो इस नन्ही से जान के दुश्मन को इंसान कहेगा कौन?

* बेटा अंश हैं तो बेटी वंश हैं, बेटा आन हैं तो बेटी शान हैं।

* लक्ष्मी का वरदान हैं बेटी, धरती पर भगवान हैं बेटी।

* माँ-बाप के जीवन में ये दिन भी आता हैं, जिगर का टुकड़ा ही एक दिन दूर हो जाता हैं।

* बेटी बचाओ और जीवन सजाओ, बेटी पढ़ाओ और ख़ुशहाली बढ़ाओ।

* किस्मत वाले है वो लोग जिन्हें बेटियां नसीब होती है ये सच है कि उन लोगों को रब की मोहब्बत नसीब होती है।

* धन पराया होकर भी बेटी होती नहीं पराई इसीलिए बिन रोये माँ-बाप बेटी की करते नहीं विदाई।

* बेटियाँ सब के मुक़द्दर में कहाँ होती हैं, घर खुदा को जो पसंद आये वहाँ होती हैं।

* हर शख़्स मुझे जिंदगी जीने का सलीका सिखाता है, कैसे कहूँ इक ख़्वाब अधूरा है मेरा वरना जीना तो मुझे भी आता है।

* हमेशा खुद को मजबूत दिखाते है पापा, बिदाई के समय ऐसा लगा जैसे जी भर कर रोना चाहते है पापा।

* बेटी हूँ आपकी अब पत्नी का फर्ज निभाने जा रही हूँ मैं, एक अंजान रिश्तें के ख़ातिर आपका दामन छोड़ कर जा रही हूँ मैं।

* तकलीफ़ कितनी भी हो उफ़ नहीं कहती, ऐसा दर्द तो केवल बेटी ही है सहती।

* बेटी को मत समझो भार, जीवन का हैं ये आधार।

* बेटी है कुदरत का उपहार, जीने का इसको दो अधिकार।

* बेटे अक्सर चले जाते हैं माँ-बाप का दिल तोड़कर, बेटियाँ तो गुजारा कर लेती हैं टूटी पायल जोड़कर।

* हर बेटी की यही कहानी है, शादी के बाद कई नये रिश्तें निभानी है।

* पराया होकर भी कभी पराई नही होती, शायद इसलिए कभी पिता से हँसकर बेटी की बिदाई नही होती।

* मुझे पापा से ज्यादा शाम अच्छी लगती हैं, क्योकि पापा तो सिर्फ खिलौने लाते हैं पर शाम तो पापा को लाती हैं।

* बेटियों की बदौलत ही आबाद है घर-परिवार, अगर न होती बेटियाँ तो थम जाता यह संसार।

* ये आंधियां अब मेहरबान नहीं होगी, दिए की लौ को बढ़ाना होगा, इससे पहले की सारी कश्तियां डूब जाएँ बेटियों को बचाना होगा।

* अहसासों की सेज सजी है, यादो का फ़साना है, अपने घर को छोड़कर साजन के घर जाना है। बेटी पर शायरी

* क्या कहती हो ठहरो नारी संकल्प अश्रु-जल-से-अपने तुम दान कर चुकी पहले ही जीवन के सोने-से-सपने।

* माँ जन्म देती है, दादी कहानी सुनाती है, बहन राखी बांधती है, पत्नी जीवनभर साथ निभाती है नारी के बिना जिंदगी कहाँ होती है।

* क्यों ऐसे मायूस और कमजोर बनी हुई है, उठ खड़ी हो नारी, तेरे साथ खड़ी है ये दुनिया सारी।

* चेहरे पर आती है एक अलग ही मुस्कान, जब बेटी बढ़ाती है माता-पिता की शान, अपनी मंजिल की ओर बढ़ने का मिला तुम्हें सम्मान तुम से ही बनी रहेगी तुम्हारे माता-पिता की पहचान।

* बेटियों के पास भी पंख होते है कभी उनके अरमान देखों, एक मौका और थोड़ा सा हौसला दो फिर उसकी ऊँची उड़ान देखो।

* बेटी की हर ख्वाहिश पूरी नहीं होती फिर भी बेटिया कभी भी अधूरी नहीं होती

* जागरूक बनिए, सोच बदलिये और यही है सही। जो पैसे मांगते है उन्हें भीख दीजिये… बेटी नहीं।

* अगर बेटी की शादी न हो उसकी रजा से, तो बेटी की जिंदगी कम नहीं होती है किसी सजा से।

* बेटियां दिल में बसकर धड़कनों को धड़काती है, और माँ-बाप के जीने की वजह बन जाती हैं।

* माँ-बाप का हमेशा ख्याल बेटियां रखती है, फिर क्यों परी-सी बेटी कोख में ही मरती है। बेटी पर शायरी

* लड़कियों के अरमानों को चूल्हें में झोकने की, अब तुम्हारी औकात नहीं होगी इन्हें रोकने की।

* बेटी होने का कर्ज चुकाया, अब बहू होने का फर्ज निभा रही है, आज भी कहीं किसी कोने में वो छुपकर अपने सारे ख़्वाब छुपा रही है।

* दहेज़ जैसे बुरे रस्मों-रिवाज और यह दुनियादारी, वरना किस माँ-बाप को अपनी बेटी नहीं होती है प्यारी।

* मानवता का खून जो कोख में बहाओगे, बेटियां नहीं होंगी तो बहू कहाँ से लाओगे।

* बेटी हूँ इसलिए गर्भ में ही मेरा कत्ल कर दिया, ना जाने क्यों खुदा ने तुम्हे माँ बनने का हक दिया।

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