हँस-हँस के अल विदा भी कहा

घर से निकल के आज वो, मेंहमाँ चला गया  हँस-हँस के अल विदा भी कहा, पर रुला गया शम्मा बुझा के इश्क़ की, वो बे-वफ़ा गया  रौशन है ज़िन्दगी जो, वो अरमाँ जला गया,

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