अहमदाबाद : गुजरात राज्य सरकार ने इसी साल जुलाई में अपने एक ऐतिहासिक फैसले के तहत निर्णय लिया था जिसके अंतर्गत राज्य सरकार ने अक्टूबर में होने वाले नगर निगम और पंचायत चुनाव में वोटिंग अनिवार्य करने की योजना बनाई थी। गुजरात सरकार द्वारा अपने एक निर्णय के तहत वोट ना देने वालों से 100 रुपए बतौर जुर्माना उसूलने की योजना बनाई थी। गुजरात सरकार के इस फैसले पर राज्य की हाई-कोर्ट में एडवोकेट केआर कोष्टि ने चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि वोट करना नागरिकों का अधिकार है, कर्तव्य नहीं। उन्होंने अपनी याचिका में जन प्रतिनिधित्व कानून की कई धाराओं का वर्णन भी किया था। तथा इस पर राज्य हाई-कोर्ट ने गुजरात सरकार को जबरदस्त झटका देते हुए गुजरात में म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के चुनाव में अनिवार्य वोटिंग के फैसले पर रोक लगा दी है। गौरतलब है की गुजरात में पिछले निकाय चुनावों में 60 फीसदी वोटिंग हुई थी।