तुम्हारे साथ जो गुज़ारा ज़माना याद आता है वो लड़ना रूठ जाना फिर मनाना याद आता है गुज़ारी हैं न जाने कितनी शामें साथ में हमने वो अपना देर तक गप्पें लड़ाना याद आता है