ग्वाटेमाला भी यरूशलम में अपना दूतावास करेंगा स्थानांतरित

अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपना दूतावास यरूशलम स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था जिसको लेकर कई देशो ने आपत्ति ली थी. उसके इस निर्णय पर संयुक्त राष्ट्र में मत भी पड़े थे. इस मत में कई देशों ने उसके विरुद्ध वोट भी किए थे उसके बाद यह पहला मौका है जब अमेरिका का समर्थन करते हुए   ग्वाटेमाला का कहना है कि इस्राइल स्थित अपने दूतावास को यरूशलम स्थानांतरित करने के अमेरिका के फैसले को मानना एक स्वायत मामला है इससे अन्य देशों के साथ संबंध प्रभावित नहीं होने चाहिए.   इस मामले को लेकर विदेश मंत्री सैंड्रा जोवेल ने एक संवाददाता सम्मेलन में मंगलवार को कहा कि यह ग्वाटेमाला की विदेश नीति है और यह एक स्वायत्त निर्णय है. उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में, हम उन देशों के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं जो ऐसा चाहते हैं लेकिन मेरा मानना है कि इससे किसी भी अन्य देशों के साथ संबंध प्रभावित नहीं होंगे.   अमेरिका का समर्थन करते हुए ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति जिमी मोराल्स ने अपने देश के दूतावास को तेल अवीव से यरूशलम स्थानांतरित करने की घोषणा की थी. वहीं संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने गत सप्ताह अमेरिका के राष्ट्रपति के इस निर्णय के खिलाफ वोट किया था. अमेरिका के बाद अपने दूतावास को यरशलम स्थानांतरित करने की घोषणा करने वाला ग्वाटेमाला पहला देश है.

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