चंडीगढ़: क्या हो अगर दूल्हे का सेहरा सज जाए, वो घोड़ी भी चढ़ जाए और बारात लेकर दुल्हन को लाने के लिए उसके द्वार पर भी पहुंच जाए, लेकिन अंततः फेरा न ले सके. शादी के हर पल को कम से कम दुल्हा-दुल्हन तो हमेशा याद रखते है. लेकिन तंदूलाल बाग का रहने वाला अमन इन सब बातों को भुलना चाहता है। अमन के पिता महेंद्र सैनी ने बताया कि शायद वह हमारे परिवार के लिए सबसे मुश्किल भरी रात थी. लेकिन दुल्हन की दुआएं सबसे अधिक काम आई. शादी में हुई फायरिंग में दुल्हा अमन खुद ही गंभीर रुप से घायल हो गया. अमन के पिता का कहना है कि भगवान की मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता। यह सब तकदीर का खेल है. अब अमन की हालत में सुधार हो रहा है. वो सोमवार को अस्पताल से डिस्चार्ज हो गया. लेकिन अपने दिलो दिमाग से वो अपनी शादी के हर पल को मिटा देना चाहता है, महेंद्र सैनी ने बताया कि अब जुलाई में एक सादे समारोह में अमन की शादी होगी।