हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : ग्रीनपीस इंडिया के पंजीकरण को रद्द करने आदेश पर लगाई पाबंदी

मुंबई : मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पर्यावरण जागरूकता संगठन 'ग्रीनपीस इंडिया सोसायटी' के पंजीकरण को निरस्त करने के एक सोसायटी रजिस्ट्रार के आदेश पर पूरी तरह से रोक लगाते हुए इसे गलत करार दिया । जिला रजिस्ट्रार द्वारा जारी चार नवंबर के आदेश को निरस्त करने के अनुरोध वाली ग्रीनपीस की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश ने अंतरिम राहत मंजूर की और जिला रजिस्ट्रार को फटकार लगाई और नोटीस जारी करके चार हफतो में जवाब तलब करने को कहा.

ग्रीनपीस इंडिया के कार्यकारी निदेशक वी गोपाल का कहना है कि आदेश पूरी तरह से गलत है और उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि आदेश पूरी तरह से गलत है और संविधान के नियमो के खिलाफ है यह इस साल चार अगस्त को पहले से पारित आदेश का पूरी तरह से उल्लंघन करता है.

उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार संविधान के नियमों के खिलाफ जा रहे है वे न्याय के सिध्दांतो का पालन करने में पूरी तरह से विफल रहे है और उन्होंने आदेश जारी करने से पहले याचिकाकर्ता को सुनवाई का पूरा समय नहीं दिया और अपने मामले के बचाव का अवसर नहीं दिया और इस प्रकार तमिलनाडु सोसायटीज रजिस्ट्रेशन कानून का पूरी तरह से उल्लंघन किया. रजिस्ट्रार अपने अधिकार का पूरी तरह से उल्लंघन कर रहे है जो न्यायसंगत नहीं है उन्होंने कहा कि एक धार्मिक संगठन होने के नाते याचिकाकर्ता जनता के द्वारा दिए हुए दान पर ही पूरी तरह से आत्मनिर्भर है ।

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