बचपन कि ये लाइन्स .जिन्हे हम दिल से गाते गुनगुनाते थे .......और तरह तरह के खेल खेलते थे ..!!तो आज एक बार फिर याद ताज़ा कर लीजिये ...!!▶ मछली जल की रानी है, जीवन उसका पानी है।हाथ लगाओ डर जायेगी, बाहर निकालो मर जायेगी।************▶ पोशम्पा भाई पोशम्पा ,सौ रुपये की घडी चुराई।अब तो जेल मे जाना पडेगा,जेल की रोटी खानी पडेगी,जेल का पानी पीना पडेगा। थै थैयाप्पा थुशमदारी बाबा खुश।************▶ आलू-कचालू बेटा कहाँ गये थे,बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे।बन्दर ने लात मारी रो रहे थे,मम्मी ने पैसे दिये हंस रहे थे।**************▶ आज सोमवार है,चूहे को बुखार है।चूहा गया डाक्टर के पास,डाक्टर ने लगायी सुई,चूहा बोला उईईईईई।************▶ झूठ बोलना पाप है,नदी किनारे सांप है।काली माई आयेगी,तुमको उठा ले जायेगी।************▶ चन्दा मामा दूर के,पूए पकाये भूर के।आप खाएं थाली मे,मुन्ने को दे प्याली में।************▶ तितली उड़ी,बस मे चढी।सीट ना मिली,तो रोने लगी।ड्राईवर बोला, आजा मेरे पास,तितली बोली ” हट बदमाश “।**************▶ मोटू सेठ,पलंग पर लेट ,गाडी आई,फट गया पेट**************आज क्यों न हम सब अपना बचपन याद करें और साथ साथ अपने दोस्तों को भी याद करें । बचपन के वो पल कितने सुकून भरे होते थे किसी बात का Tention नहीं था जीवन में काश वो बचपन एक बार फिर से लौट आये ..