पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी से सरकार को 1,658 अरब की होगी आमदनी

नई दिल्ली : पेट्रोल-डीजल पर बढ़ाई गई एक्साइज ड्यूटी से सरकार अपना खजाना भरना चाहती है. एक्साइज ड्यूटी से चालू वित्त वर्ष में सरकार को 1658.12 अरब रुपए की आमदनी होने की उम्मीद है. यह सरकार के लिए राजस्व घाटा कम रखने में बहुत सहायक होगी.

आपको बता दें कि सरकार ने कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में जून 2014 के बाद आई लगातार गिरावट का फायदा उठाया है. उसने नवंबर 2014 से जनवरी 2015 के बीच चार बार में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 7.75 रुपए और डीजल पर 6.50 रुपए प्रति लीटर बढ़ाई थी. मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद से अब तक पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 11.77 रुपए और डीजल पर 13.30 रुपए प्रति लीटर बढ़ाई गई है .

एक्साइज ड्यूटी बढ़ाते समय पेट्रोलियम धर्मेंद्र प्रधान ने करीब एक साल पहले कहा था कि जब कच्चे तेल के दाम बढ़ेंगे तो सरकार उत्पाद शुल्क घटा भी सकती है, लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि फिलहाल वह एक्साइज ड्यूटी घटाने के मूड में नहीं है.

इस एक्साइज ड्यूटी का यदि आंकड़ों में विश्लेषण करें तो पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सरकार को बढ़ी एक्साइज ड्यूटी से पेट्रोल से 401 अरब रुपए और डीजल से 1,257.12 अरब रुपए की अतिरिक्त आमदनी होने की उम्मीद है. सरकारी खजाने में इस स्रोत से कुल 1,658.12 करोड़ रुपए अतिरिक्त आएंगे.

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