हंगामे से बचने के लिए अजा विधेयक का लाॅलीपाॅप देगी सरकार

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र में लगातार हंगामा होने के बाद अब केंद्र सरकार विपक्ष के वार से बचने का प्रयास करने में लगी है। हंगामे और इस्तीफे की मार से बचने के लिए सरकार जल्द ही अनुसूचित जाति के सशक्तीकरण और इनके आरक्षण प्रावधान को लेकर दो नए विधेयक पेश करने जा रही है। माना जा रहा है कि वोट बैंक की आस में अन्य पार्टियों द्वारा इसका विरोध नहीं किया जा सकेगा। जिस कारण विरोध की आवाज़ कुछ कमजोर पड़ सकती है। मिली जानकारी के अनुसार संसद के मानसून सत्र की कार्रवाई हंगामाखेज होने के बाद अब सरकार नई रणनीति के तहत दो विधेयक सदन के पटल पर प्रस्तुत करने जा रही है।

जी हां इसके लिए संविधान के 117 वें संशोधन विधेयक के तहत बिल लाया जाएगा। सरकार का मत है कि सेवाकाल के दौरान पदोन्नति में कोटा उपलब्ध करवाए जाने के उद्देश्य से एक विधेयक पेश किया जाए तो दूसरी ओर अनुसूचित जाति और जनजाति के विकास से जुड़े मसले पर विधेयक सामने रखा जाए। अब केंद्र सरकार ने इन दोनों ही मतों पर कार्य करना प्रारंभ कर दिया है और संसद की अगली कार्रवाई में इसे सदन के पटल पर रखे जाने का निर्णय लिया गया है।

माना जा रहा है कि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल इन दोनों ही विधेयकों का विरोध नहीं कर पाऐंगे। इन दोनों ही विधेयकों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरूण जेटली, संसदीय कार्य मंत्री एम वैंकेया नायडू और गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के सांसदों को मनाने और उनसे चर्चा का प्रयास किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को वीज़ा दिलवाने के मामले में उलझी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का बचाव कर रही है तो दूसरी ओर व्यापमं. मामले में शिवराज के इस्तीफे की मांग को ठंडा करने का विकल्प ढूंढ रही है।

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