ऑकलैंड: दिनों दिन बढ़ता आ रह कोरोना का कहरा जा इस कदर बढ़ चुका है कि कोई भी इस वायरस की चपेट में आने से नहीं बच सकता. वहीं इस वायरस ने अब तक हजारों जिंदगियां ले ली है. और कई लाख लोग अब भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए है. जंहा इस बात का खास ख्याल रखकर दुनिया भर की सरकार ने लॉकडाउन का निर्णय लिया और इस प्रक्रिया को तुरंत अपनाया है. जिससे अब काफी हद तक इस वायरस के संक्रमण में कमी आई है. तो वहीं गूगल ने 131 देशों के लिए लाखों फोन यूजर्स के लोकेशन डाटा रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट से यह दर्शाने में मदद मिलेगी कि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए जिस समय कई देशों में सरकारों ने लोगों को घर पर रहने का आदेश जारी किया था तो उस दौरान दुकान, पार्क और कार्यस्थल पर जाने वालों की संख्या में कमी आई या नहीं. मार्च माह में कई देशों ने अपने नागरिकों को घरों से बाहर ना निकलने का आदेश जारी किया था. डाटा से लॉकडाउन के बारे में आकलन करने में मिलेगी मदद: गूगल के लाखों फोन यूजर्स के लोकेशन डाटा का यह विश्लेषण सबसे बड़ा सार्वजनिक डाटा हो सकता है. डाटा स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए यह आकलन करने में मददगार साबित होगा कि लोग अपने घरों में ही रहने और दुनिया भर में जारी ऐसे ही आदेश का पालन कर रहे हैं या नहीं. संक्रामक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि उम्र, आय और अन्य जनसांख्यिकी हिसाब से समूहों की यात्रा के विश्लेषण से सार्वजनिक सेवाओं की घोषणा को आकार देने में मदद मिलेगी. चीन, सिंगापुर तथा दक्षिण कोरिया समेत कई देशों ने किया ऐप का इस्‍तेमाल: जानकारी के अनुसार बता दें कि संक्रमण के इस दौर में चीन, सिंगापुर तथा दक्षिण कोरिया समेत कई देशों ने अपने लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए अधिक-अधिक से एप का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया था. गूगल की लोकेशन हिस्ट्री से यूजर्स की सक्रियता का पता आसानी से लगाया जा सकेगा. कोरोना वायरस ने इस तरह प्रकृति को पहुंचाया फायदा संयुक्त राष्ट्र : इस खौफनाक मामले को लेकर एक साथ आए 188 देश हजारों मौतों के बाद भी इस देश के लोगों को नही है कोरोना का खौफ