नई दिल्ली। भारत में दूध की नदियाँ बहाने का सपना साकार करने वाले वर्गीज कुरियन का आज 92 वाँ जन्मदिन है। इस मौके पर गूगल ने उनका डूडल बनाकर उन्हें याद किया है। वर्गीज कुरियन को भारत को सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश बनाने के लिए जाना जाता है। उन्होने सहकारी दुध उद्दोग की नींव रखी थी। अरबों रुपए की कमाई करने वाले अमूल ब्रांड के जन्मदाता भी कुरियन थे। भारत सरकार ने उन्हें पद्दम विभूषण से नवाजा था। उनके सामाजिक कार्यो व उनके अनोखे प्रयोगो के लिए उन्हें रमन मैग्सेसे अवॉर्ड, कार्नेगी वॉटलर विश्व शांति पुरस्कार और अमेरिका से इंटरनेशनल पर्सन ऑफ द ईयर के खिताब से भी नवाजा जा चुका है। 26 नवंबर 1921 को केरल के कोझिकोंड में जन्मे कुरियन ने चेन्नई से अपनी डिग्रियाँ हासिल की। इंजीनियर कुरियन ने जेशेदपुर स्थित टाटा स्टील में कुछ समय काम किया। इसके बाद उन्हें डेयरी इंजीनियरिंग में स्टडी के लिए स्कॉलरशिप मिलने लगी। इसके बाद अमेरिका से मेकैनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली, जहाँ एक विषय डेयरी इंजीनियरिंग भी थी। कुरियन को 1965 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) का संस्थापक-अध्यक्ष नियुक्त किया था। उन्होने ही सबसे पहले भैंस के दुध से पाउडर भी बनाया। उनके प्रयासों से 60 के दशक में जहाँ दुध की खपत 2 करोड़ टन थी, वहीं 2011 में यह 12.22 करोड़ टन हो गई। भारत में श्वेत क्रांति के जनक और मिल्कमैन के नाम से प्रसिद्ध कुरियन ने खुद कभी दुध का स्वाद नही चखा।