ऐसी हसीं आज बहारो की रात हैं

ऐसी हसीं आज बहारो की रात हैं

एक चाँद आसमा पैर हैं एक मेरे पास हैं

देने वाले ने कोई कमी ना की

किसको क्या मिला ये मुकद्दर की बात हैं

“शुभ रात्रि “

 

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