ग्लोबल डायमंड कारोबार का गढ़, भारत

भारत में गुजरात का सूरत ग्लोबल डायमंड कारोबार के गढ़ के रूप में जाना जाता है साथ ही यह दुनिया के सबसे बड़े हिरा कारोबार के हब होने का ताज इजराइल की राजधानी तेल अवीव से दो दशक पहले ही छीन चूका है. भारत खदान से निकले रॉ डायमंड की कटिंग और पॉलिशिंग में महारथ हासिल कर चूका है. इजराइल आज भी पूरी दुनिया के लिए डायमंड ट्रेडिंग का सबसे बड़ा केन्द्र है. जानिए करोबार से जुड़े रोचक तथ्य - 1939 में ग्लोबल डायमंड कारोबार में फिलिस्तीन में चार डायमन्ड कटिंग प्लांट थे जहां 197 लोग काम करते थे. 1940 में 33 कंपनियां बन गई और लगभग 5000 लोग इनमें काम करते थे.  आज भी सूरत के डायमंड कारोबारियों को इजराइल से कटिंग और पॉलिशिंग का सबसे बड़ा काम मिलता है. चीन, रूस, अफ्रीका समेत भारत से आने वाले बेजोड़ तराशे हुए हीरे अब भी तेल अवीव के शोरूम में बेचे जाते हैं.  अफ्रीका और रूस की खदानों से निकलने के बाद लगभग सभी हीरे तेल अवीव में कटिंग और पॉलिशिंग के लिए लाया जाता है.  80 के दशक में तेल अवीव से सूरत पहुंचा डायमंड कारोबार भारत में दुनिया का 85 फीसदी डायमंड कटिंग और पॉलिशिंग के लिए आता है, कारोबार का लगभग 60 फीसदी सूरत में होता है. 2016-17 के दौरान भारत ने कुल 22 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया.  1990 के दशक में इजराइल के डायमंड इंडस्ट्री 25 से 35 हजार लोग काम करते थे आज महज 500 से 1000 लोग काम करते हैं.  सूरत की डायमंड इंडस्ट्री में मौजूदा समय में 4,500 कंपनियां हैं जहां लगभग 5 लाख लोगों को राजगार मिला है.

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