हिन्दुस्तान की गीता को मिला घर, तो पाक के रमजान को मिला 'आरंभ'

भोपाल : जहाँ एक ओर पाकिस्तान की गीता अपने वतन वापस लौट रही है, तो इसी के साथ ही भोपाल के आरंभ नामक एनजीओ में रह रहे पाक के रमजान के भी घर जाने की चर्चा तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि रमजान की घर वापसी प्रक्रिया कागजों में उलझ कर रह गई है। मूल रुप से कराची का रहने वाला रमजान पिछले दो सालों से भोपाल के आरंभ में रह रहा है। बांग्लादेशी पिता व सौतेली माँ के कहर से बचने के लिए रमजान ऊरत-बांग्लादेस बार्डर से भारत में घुस आया और कई शहरों से घूमता हुआ वो भोपाल पहुँच गया। जहाँ पुलिस वालों ने स्टेशन पर घूमता देख उसे आरंभ नामक एनजीओ को सौंप दिया। कई बार उसने भागने का भी प्रयास किया। संस्था ने उसका एएडमिशन स्कूल में भी करा दिया पर अब वो वहाँ भी नहीं जाता है।

संस्था ने बच्चे से जुड़ी सभी जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय को दी लेकिन कोई जवाब न आने पर न्होने पाकिस्तानी दूतावास को इसकी जानकारी भेजी। उन्होने सारी डिटेल पाक सरकार को भेजी है। अब जवाब का इंतजार है। उन्होंने यह भी बताया कि पाक के मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने बच्चे से संबंधित दस्तावेज के तौर पर उसके नाना-नानी व दादा-दादी की पासपोर्ट भेजी है। लेकिन माँ के दस्तावेज न होने के कारण उसकी वापसी अधर में लटकी है।

सोशल मीडिया के माध्यम से रमजान के माँ-बहन को भी ढूंढा जा चुका है। रमजान से सीआइडी और आईबी ने भी पूछताछ की है। पर बच्चे की माँ के पास से बरामद तस्वीर के बाद सब साफ हो गया है।  

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