गीत कोई गुनगुनाना चाहिये लाख हों ग़म मुस्कुराना चाहिये जिन्दगी की राह में निकलो अगर हाथ फ़िर सबसे मिलाना चाहिये दोस्त हूँ कहना यही काफी नहीं दोस्ती का हक़ निभाना चाहिये