मुजफ्फरनगर : 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे की आग अब शांत हो गई, लेकिन अंत हमेशा की तरह अंधे कानून और रसूखदारों ने अपने पक्ष में करा लिया। दंगे के दौरान हुए गैंगरेप में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चारों आरोपियों को बरी कर दिया। फुगना थाना क्षेत्र में दंगे के दौरान एक महिला के साथ चार लोगों ने मिलकर गैंग रेप किया था, लेकिन 21 जनवरी को कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। सुनवाई के दौरान पीड़ित, उसका पति और उसकी सास अपने ही बयान से पलट गए और अपने ही केस को कमजोर कर दिया। इस संबंध में जब पीड़ित परिवार से पूछा गया कि वो अपने बयान से क्यों मुकर गए, जब कि उन्होने खुद 7 माह पहले एफआईआर दर्ज कराई थी, तो उन्होने कहा कि आरोपियों ने उन्हें धमकी दी थी और कहा था कि केस वापस ले लो वरना गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है। उन्होने इस बारे में फुगना और बुढ़ाना पुलिस स्टेशन के इंचार्ज से बात भी की थी और सुरक्षा की मांग की, लेकिन उन्होने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। पीड़िता के पति ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से दी गई मदद से उन्होने शामली में अपना घर बना लिया है। अब वो कभी फुगना नहीं लौटना चाहते। अब मैं इस फैसले के खिलाफ कहीं अपील नहीं करुंगा।