श्री गणेश गायत्री मंत्र से दूर होंगे आपके घर और व्यवासय के दुःख

आप सभी जानते हैं कि इन दिनों सभी गणेश भगवान की पूजा अर्चना में लगाए हुए हैं. ऐसे में कहते हैं कि हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को बुद्धिदाता व विघ्रहर्ता के रूप में पूजा जाता है और वह यह संदेश देते हैं कि शरीर, कर्म या धन की ताकत तब ज्यादा असरदार होती है, जब उनके साथ बुद्धि का सही तालमेल होता है. ऐसे में यह भी कहा जाता है कि श्रीगणेश के अनुकूल होने पर पूरा संसार अनुकूल हो जाता है और सार यही कहता है कि बुद्धि का सही उपयोग ही सुखदायी व संकटमोचक होता है.

आज हम आपको एक ऐसा मंत्र बताने जा रहे हैं जिसे गणेशोत्सव के 10 दिन बोलने से और बोलकर गणेश पूजा करने से श्री गजानन विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं. यह मंत्र  गणेश गायत्री मंत्र के रूप में जाना जाता है और इसे बोलने से सभी परेशानी दूर हो जाती है फिर वह घर से जुडी हो या फिर परिवार या कार्यालय से.  आपको यह भी बता दें कि आप 10 दिनों में कभी भी या फिर अनंत चतुर्दशी के दिन स्नान के बाद भगवान गणेश को केसरिया चंदन, सिंदूर, अक्षत, दूर्वा के साथ मोदक का भोग लगाकर पीले आसन पर बैठ यथासंभव रुद्राक्ष या चंदन की माला से गणेश गायत्री मंत्र 108 बार बोल सकतें हैं आपको लाभ जरूर मिलेगा.

आइए जानते हैं वह मंत्र. महाकर्णाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती: प्रचोदयात्। एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

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