राजनीतिक गहमागहमी के बीच निकली किसान गजेंद्र की अंतिम यात्रा

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर आम आदमी पार्टी द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान एक किसान द्वारा की गई आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मामले में आम आदमी पार्टी के नेताओं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर उन्होंने किसान को बचाने के लिए कोई कारगर कदम क्यों नहीं उठाया, क्यों उस समय सभा चालू रखी गई। 
इस तरह के तमाम सवाल अब आम आदमी पार्टी की भूमिका को लेकर उठाए जा रहे हैं। दूसरी ओर आत्महत्या करने वाले किसान गजेंद्र सिंह राजपूत का शव उसके परिजन को सौंपने के बाद आज उसका अंतिम संस्कार किया गया। आत्महत्या करने वाले किसान गजेंद्र का शव विभिन्न औपचारिकताओं के बाद उसके परिजन को सौंप दिया गया था। जिसके बाद राजस्थान के दौसा जिले में स्थित गांव नांगल झमरवाड़ा में उसके अंतिम संस्कार की तैयारी की गई आज सुबह किसान के परिजन ने उसके अंतिम दर्शन किए। इस दौरान परिजन बिलख पड़े। 
किसान की अंतिम यात्रा सो सारा माहौल गमगीन हो उठा। उसकी अर्थी उठते ही हर आंख नम हो गई वातावरण में सिसकियां सुनाई देने लगीं। मामले में हर कहीं आम आदमी पार्टी का विरोध हो रहा है। मामले में राजनीति गर्मा गइ्र है। दूसरी ओर मामले की जांच दिल्ली पुलिस ने क्राइम ब्रांच को सौंप दी है। वहीं युवक को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। दूसरी ओर पूरे मामले में आम आदपी पार्टी सेना नामक एक संगठन सामने आया है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने अरविंद केजरीवाल के पोस्टरों पर कालिख पोतकर उस पर हत्यारा लिख दिया।

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