ग़ज़ल सिर्फ़ तेरे लिए

लिखी है ये ग़ज़ल सिर्फ़ तेरे लिए.. दीवाने बने भी तो सिर्फ़ तेरे लिए... किसी को नहीं देखेंगी अब ये आँखें.. नज़रें तरसेंगी भी तो सिर्फ़ तेरे लिए... हर साँस में याद करेंगे तुझे.. ये साँस निकलेगी भी तो सिर्फ़ तेरे लिए... हर प्यार से प्यारे लगते हो तुम मुझे.. मैने प्यार सीखा भी तो सिर्फ़ तेरे लिए....!

 

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