दक्षिणी चीन सागर विवाद से जी-7 देश भी है चिंतित

नई दिल्ली : जी-7 सम्मिट में जुटे सभी देशों ने शुक्रवार को एशिया में समुद्र संबंधी बढ़ती चिंताओं को परेशानियों का सबब बताते हुए कहा कि इस विवाद का शांतिपूर्ण व वैध समाधान किया जाना चाहिए। इस वार्षिक शिखर सम्मेलन के अंत में जारी किए गए घोषणा पत्र में किसी एक देश का नाम उल्लिखित नहीं था।

लेकिन सभी का इशारा चीन की ओर था। दक्षिणी चीन सागर पर अपना अधिपत्य जताकर चीन ने सभी एशियाई पड़़ोसी देशों को नाराज कर दिया है। इस क्षेत्र पर ब्रुनेई, मलेशिया, वियतनाम व फिलीपींस जैसे देश अपना दावा करते आए है। जी-7 नेताओं ने कहा कि हम पूर्वी व दक्षिणी चीन सागर में स्तिति को लेकर बेहद चिंतित है।

इस मामले में जी-7 के मेजबान देश जापान के साथ भी विवाद की स्थिति है। जी-7 के सदस्य देश अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी. इटली औऱ कानाडा ने कहा है कि इन विवादों का शांतिपूर्ण ढंग से निवारण होना चाहिए और नौवहन, हवाई उड़ानों की स्वतंत्रता कता सम्मान किया जाना चाहिए।

वॉशिंगटन ने एशिया की ओर से धुरी की भूमिका निभाई। उसे आशंका है कि पेइचिंग पूरे इलाके में सैन्य नियंत्रण लागू करना चाहता है। जी-7 नेताओं ने कहा कि इस क्षेत्र में दावा अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर ही किया जाना चाहिए और देशों को ऐसे एकपक्षीय विवादों से बचना चाहिए, जिससे तनाव बढ़ने की आशंका है।

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