सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है... रामप्रसाद बिस्मिल की जयंती पर देश कर रहा नमन

नई दिल्ली: अपनी बहादुरी और सूझबूझ से ब्रिटिश हुकूमत की नींद हराम वाले महान क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल का जन्म आज ही के दिन वर्ष 1897 में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ था। वह उच्च कोटि के कवि, शायर, अनुवादक और साहित्कार भी थे। उनकी प्रसिद्ध रचना सरफरोशी की तमन्ना...से प्रेरणा लेकर कितने क्रांतिकारी देश की आजादी के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए।

अंग्रेजों ने ऐतिहासिक काकोरी कांड में केस के बाद 19 दिसंबर 1927 को राम प्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर की जेल में फांसी पर चढ़ा दिया था। पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को उनकी 124वीं जयंती पर पूरा देश सलाम कर रहा है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित अन्य नेताओं इस अवसर पर उऩ्हें श्रंद्धाजलि अर्पित की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि 'मां भारती के अमर सपूत, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की क्रांतिकारी धारा के प्रमुख सेनानी अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। आपका बलिदानी जीवन हमें राष्ट्र सेवा के लिए युगों-युगों तक प्रेरित करता रहेगा।'

वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है। देश की स्वतंत्रता हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले मां भारती के वीर सपूत राम प्रसाद बिस्मिल जी की जयंती पर सादर नमन एवं श्रद्धांजलि।'  

 

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