विदेश सचिव स्तरीय वार्ता रद्द होने पर दिग्विजय ने तेज़ किए तेवर

नई दिल्ली। भारत - पाकिस्तान की विदेश सचिव स्तर की वार्ता टल जाने के बाद अब कांग्रेस महासचिव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह आश्चर्यजनक है कि प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री किसी तरह का निर्णय नहीं ले सके हैं। दरअसल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यहां नहीं हैं। यह बात साफ है कि नीतियों का निर्धारण कौन कर रहा है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा पत्रकारों से चर्चा की गई और वार्ता प्रक्रिया को लेकर जानकारी दी गई। दोनों देश वार्ता प्रक्रिया पर रजा मंद नहीं हैं। दिग्विजय की बातों का अर्थ यह निकाला जा रहा है कि वे भारत और पाकिस्तान की वार्ता को लेकर वे संतुष्ट नहीं हैं।  विपक्षियों द्वारा पूर्व के बयानों में कहा गया कि सरकार की कमजोर नीतियों के कारण आतंकियों को पठानकोट में हमला करने का अवसर मिला। सीमा पर कितनी ही बार आतंकी हमले हुए।

सीमा पार से फायरिंग हुई लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। विपक्षी दल द्वारा पहले भी कहा जाता रहा है कि जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी और 26/ 11 का आतंकी हमला हुआ था तब तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूख अलग ही था। मगर अब स्वयं मोदी बचाव की मुद्रा में आ गए हैं। वे वार्ता की इस तरह की पहल कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अप्रत्यक्ष तौर पर केंद्र की एनडीए सरकार का विरोध किया है। 

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