16वें विश्व संस्कृत सम्मेलन में सुषमा ने कहा, भारत जब बोलता है तो संसार सुनता है

बैंकॉक : 16वें विश्व संस्कृत सम्मेलन में समिल्लित होने यहां आईं सुषमा ने भारतवंशियों से सम्बोधन में कहा कि उन्हें अपनी मातृभूमि की तरफ ध्यान देना चाहिए और माटी का कर्ज वापिस करना चाहिए. 16वें विश्व संस्कृत सम्मेलन का प्रारम्भ आज से होगा जिसमें 60 देशों के 600 से अधिक विद्वान भाग ले रहे हैं. गत 30 वर्षो से में भारत में बनी किसी पार्टी की पहली बहुमत सरकार से जनता में अनेक अपेक्षाएं होने की बात स्वीकृत करते हुए सुषमा ने मजबूती से बोला, बीते एक वर्ष में विदेशों में भारत की छवि में सुधार आया है.

जब भारत की छवि सुधरती है तो वहां रहने वाले भारतीयों को भी मजबूती मिलती है. आज जब भारत बोलता है तो दुनिया उसकी बात सुनती है. परिवर्तन आया है. भारत में भी यह परिवर्तन दिखाई देता है. उन्होंने राजग सरकार की अनेक योजनाओं के नाम बताते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की वजह से हमे सफलता मिली है. स्वराज वहा अपने सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में बोल रहीं थीं जहां योग पर एक निशुल्क मोबाइल एप का भी सञ्चालन किया गया. सुषमा ने थाईलैंड में निवास करने वाले भारतवंशियों से कहा कि भारत में मोदी सरकार के नेतृत्व में स्तिथि में परिवर्तन आया है और भारत के विकास में उनका बहुत बड़ा योगदान है.

थाईलैंड में एक अनुमान के अनुसार लगभग दो लाख भारतीय मूल के लोग निवास करते है. सुषमा की आज से प्रारम्भ हुई तीन दिवसीय यात्रा के समय भारत और थाईलैंड दोहरे कराधान से संबंधित करार पर हस्ताक्षर करेंगे. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता भी करेंगी जिसमें दोनों देश एक दोहरे कराधान अपवंचन करार पर हस्ताक्षर करेंगे और 2013 में हस्ताक्षरित प्रत्यर्पण संधि की अभिपुष्टि के दस्तावेजों का आदान-प्रदान भी किया जाएगा.

सुषमा की इस यात्रा पर किसी एक थाई विश्वविद्यालय में एक आयुर्वेद पीठ की स्थापना के लिये स्वीकृति पत्र पर भी हस्ताक्षर होंगे. विदेश मंत्री इस दौरान भारतीय व्यावसायिक नेताओं से मुलाक़ात करेगी और शिक्षाविदों के साथ बातचीत करेंगी. वह समारोह में संस्कृत में अपना सम्बोधन भी देंगी. वह संस्कृत विद्वान और विश्व संस्कृत सम्मेलन की शाही संरक्षक राजकुमारी महा चक्री श्रींधोर्न से भी भेंट करेगी. मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी दो जुलाई को सम्मेलन के समापन समारोह में हिस्सा लेंगी.

सोमवार को सुषमा थाईलैंड के राजनीतिक नेतृत्व से मुलाक़ात करेगी. वह थाईलैंड सरकार के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री जनरल तानासाक पातिमप्रगोर्न से भी मुलाकात करेगी. सुषमा के यहां पहुंचने पर उनकी अगवानी थाईलैंड के राजदूत चलित मणित्याकुल तथा विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने की. सम्मेलन के मौके पर ही भारत में दूरदर्शन संस्कृत में एक साप्ताहिक समाचार कार्यक्रम प्रारम्भ होगा. 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही संस्कृत का संवर्धन राजग सरकार की योजनाओं में समिल्लित हो रहा है.

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