फूड पार्क यूपीए सरकार के दिलचस्पी न दिखाने की वजह से बंद हुआ

नई दिल्ली : फूड पार्क मुद्दे को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बहुत बार यह आरोप लगाया है कि उनके संसदीय क्षेत्र अमेठी में फूड पार्क की योजना रद्द किए जाने के पीछे मोदी सरकार का हाथ है। लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि अमेठी में मेगा फूड पार्क मोदी सरकार की वजह से नहीं, बल्कि पिछली यूपीए सरकार के ही दिलचस्पी न दिखाने की वजह से बंद हुआ, एक अंग्रेजी चैनल ने कुछ डॉक्यूमेंट्स के हवाले से दावा किया कि अमेठी फूड पार्क के लिए आदित्य बिडला ग्रुप की नुवो लिमिटेड नाम कंपनी को औद्योगिक पार्टनर बनाया गया। कंपनी ने 16 जनवरी 2013 को गेल के प्लांट से सस्ती दरों पर नैचुरल गैस देने की मांग की थी। कंपनी की इस मांग को यूपीए सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय ने खारिज कर दिया था। इसके बाद कंपनी ने प्रोजेक्ट में अपनी दिलचस्पी कम कर दी। बाद में कंपनी ने पार्क बनाने की अर्जी वापस ले ली। बता दें कि अमेठी में मेगा फूड पार्क बनाने की योजना को साल 2010 में यूपीए सरकार ने मंजूरी दी थी। उधर, इस मुद्दे पर आदित्य बिड़ला ग्रुप ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है।

आपको बता दे कि आज कांग्रेस नेता मलिक्कार्जुन खड़गे ने संसद में मोदी सरकार पर पर मेगा फूड पार्क को रद्द करने के पीछे बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया था, और जब इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर जवाब दे रही थीं तो कांग्रेस सदस्य उनका जवाब सुनने को तैयार नहीं दिखे। बीजेपी की तरफ से किरीट सौमैया और स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेताओं और लोकसभा अध्यक्ष से मंत्री को बोलने देने को कहा, लेकिन कांग्रेस के सदस्य नारे लगाते हुए वेल में आ गए। इसके बाद सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। बता दे कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में 200 करोड़ रुपए के फूड पार्क प्रोजेक्ट को 2010 में मंजूरी मिली थी। उम्मीद थी कि इस फूड पार्क से अमेठी में बड़ा निवेश आएगा और इलाके के 40 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। बताया जाता है कि मेसर्स शक्तिमान मेगा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड से यह मंजूरी जून 2014 में वापस ले ली गई, राहुल का आरोप है कि मोदी सरकार ने बदले की राजनीति के तहत प्रोजेक्ट रद्द कर दिया। जबकि मोदी सरकार का कहना है कि यूपीए सरकार के वक्त ही इस प्रोजेक्ट को 8 एक्सटेंशन मिले, लेकिन यह कभी भी अमल होने लायक नहीं पाया गया। मोदी सरकार के मुताबिक, लोगों को गुमराह करने के लिए यूपीए सरकार ने अक्टूबर 2013 में वहां फूड पार्क का शिलान्यास कार्यक्रम कराया था।

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