अग्नि के पंखो से उड़ते हुए विजन-2020 दिखा गए कलाम

भारतमाता के महान सपूत डॉ. ए.पी. जे. अब्दुल कलाम को शब्दों की श्रद्धांजलि देने के लिए जब शीर्षक के बारे में सोचने लगा तो कई - कई शब्द-गुच्छ शीर्षक बनने हेतु उम्मीदवारी जताने लगे | उनका व्यक्तित्व ही इतना बहु-आयामी, अति-विशिष्ट और प्रभावशाली था कि कई सारे विशेषण और उपाधियाँ उनके नाम के साथ जुड़ गयी थी; भारत-रत्न, मिसाइल मैन, पीपुल्स प्रेसिडेंट (जनता के राष्ट्रपति), स्वप्न-दृष्टा, युवाओं के प्रेरणा-स्रोत, आदि | परन्तु वे स्वयं को हमेशा एक शिक्षक ही मानते और कहते रहे | एक एरोनाटिकल इंजीनियर, एक आणविक व अंतरिक्ष वैज्ञानिक, शोध-संस्थान संचालक, राष्ट्रपति, मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार, व्याख्याता, लेखक-विचारक जैसी कई भूमिकाओं को निभाते हुए भी वे मूलतः शिक्षक ही बने रहे | युवाओं और बच्चों के बीच ज्ञान की भूख जगाना और सकारात्मक विचारों की ऊर्जा संचारित करना ही उनका सबसे प्रिय कार्य रहा | इसलिए अंतिम क्षणों तक यही कार्य करते हुए, उन्होंने अचानक सबको अलविदा कह दिया |

इसलिए उनके बारे में यह ध्यान रखना सबसे जरुरी है कि, उनके विशिष्ट विचारों और शिक्षाओं का महत्त्व उनके द्वारा वैज्ञानिक के रूप में व राष्ट्रपति के रूप में किये गए योगदानों से कतई कम नहीं है | उनके विचारों के कालजयी और अमूल्य दस्तावेज हैं, उनकी पुस्तकें | उनकी आत्मकथा का नाम हैं Wings of Fire (अग्नि के पंख) और कई अन्य विशेषज्ञों के भी विचारों को भी समेट कर तैयार हुआ हैं, उनका देश के लिए देखा गया सपना "इंडिया 2020 : अ विजन फॉर द न्यू मिलेनियम" जिसे संक्षेप में इंडिया विजन-2020 भी कहा जाता है | ये ही दोनों अप्रतिम पुस्तकें उनके व्यक्तित्व को जानने-समझने के श्रेष्ठतम स्रोत हैं | इसलिए इन्ही दोनों पर खास ध्यान दिलाते हुए इस श्रद्धांजलि का शीर्षक बना है | उनके व्यक्तित्व में कौन से अग्नि के पंख लगे थे, कि बचपन में अखबार बाँटने वाला एक साधारण परिवार का लड़का इतना विराट प्रेरणा स्रोत बन गया ?

यह इनकी आत्मकथा से समझा जा सकता है और उनकी अपने देशवासियों से और उसके कर्ता-धर्ताओं से अपेक्षाएं थी यह उनके 'विजन-2020' से जाना जा सकता है| उनकी अन्य पुस्तकों के महज शीर्षक देख कर भी हम समझ सकते है कि वे किस तरह लगातार देश की और उसकी भावी पीढ़ी की बेहतरी के लिये, भारत को दुनिया का विकसित व अग्रणी राष्ट्र बनाने के लिये सोचते, लिखते और कहते रहे | ये पस्तकें ही अब हमारे लिये उनके विचारों के झिलमिलाते दीपों की तरह है | Envisioning an empowered nation (एक सशक्त राष्ट्र का लक्ष्य-दर्शन), Ignited माइंडस (प्रज्वलित मष्तिष्क), My Journey: transforming Dreams into actions (मेरी यात्रा: सपनों को कार्यों में बदलना), Mission India: a vision for Indian Youth (मिशन इंडिया: भारतीय युवाओं के लिये लक्ष्य-दर्शन), Guiding Souls (मार्गदर्शक आत्माए), Indomitable spirit (अदम्य आत्मा), Target 3 बिलियन (लक्ष्य 3 अरब), Inspiring Thoughts (प्रेरक विचार), Turning Points (बदलाव के बिंदु), The Luminous Sparks (जलते हुए अंगारे), The Life Tree (जीवन वृक्ष), children ask Kalam (बच्चे पूछे कलाम से) आदि सभी ऐसी ही प्रेरक पुस्तकें है, जो उन्होंने स्वयं लिखी है या उनके विचारों के संकलन है |

इसलिए कलाम साहब को गहराई से जानने के लिये सबसे अच्छा जरिया हैं ये किताबें, जिनके बिना हमारी समझ अधूरी है | .....और उन्होंने इन किताबों के रूप में हमें हमारे लिये ही जो सपने दिए है; उन्हें समझकर जब तक हम उनके लिये प्रयत्नशील नहीं होते हैं, तब तक उनके प्रति हमारी श्रद्धांजलि अधूरी है | हाँ, इन किताबों में बहुत सी समझाइश हैं, बहुत से आग्रह हैं और बहुत से सपने हैं | कोरे सपने नहीं, ऐसे सपने जिनके लिये उन्होंने खुद कहा था "सपने वे नहीं होते, जो हम सोते हुए देखते हैं; सपने वे होते है, जिन्हे पूरा करने से पहले हम सोते नहीं हैं" | 

हरिप्रकाश 'विसंत'

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