वाराणसी में बाढ़ से हालात बेहाल, घरों की छतों से हो रही गंगा आरती

वाराणसी: देशभर में एक बार फिर मानसून सक्रिय नज़र आ रहा है। कहीं बाढ़ की स्थिति है तो कहीं आसमान में बादलों की मौजूदगी के बीच बूंदा - बांदी हो रही है। उत्तरप्रदेश के वाराणसी अर्थात् बनारस में बाढ़ से हालात बेहाल हैं। हालात हैं कि मां गंगा अपने रौद्र स्वरूप में हैं। गंगा नदी खतरे के निशान के उपर बह रही है। हालात ये हैं कि कई घाट पानी में डूब गए हैं। इतना ही नहीं मणिकर्णिका घाट भी जलमग्न हो गया है।

बाढ़ प्रभावितों तक राहत पहुंचाने और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए रिहायशी क्षेत्रों और गलियों में बोट तक चलाई जा रही है। हेलिकाॅप्टर से भी प्रभावितों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। हालात ये हैं कि गंगा नदी का जल स्तर 71.48 मीटर पर पहुंच गया है। रात्रि 10 बजे तक गंगा का जल स्तर 71.28 मीटर पर पहुंच गया। गांवों में बाढ़ से हाल बेहाल हैं। गांवों में विद्युत सप्लाय भी नहीं हो रहा है।

इतना ही नहीं यहां के श्मशान घाट तक डूब गए हैं। ऐसे में ऊपर की ओर ही शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। मणिकर्णिका घाट वाराणसी का ऐसा घाट है जहां अंतिम संस्कार की विधि 24 घंटे होती है माना जाता है कि यहां पर मां पार्वती मृतात्माओं को अपने आंचल में ले लेती हैं। भगवान शंकर भी यहां तारक मंत्र देकर आत्माओं को मोक्ष प्रदान करते हैं। बाढ़ के प्रभाव के चलते अब मां गंगा की आरती जो कि दशाश्वमेघ घाट शीतलाघाट पर होती है घरों की छतों से ही की जा रही है।

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