आजीवन सरकारी बंगला देने के मामले में सुनवाई 13 मार्च को

नई दिल्ली: क्या केंद्र और राज्यों द्वारा पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला आवंटित करने का मामला सुप्रीम कोर्ट चल रहा है जिसपर अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी. और इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले अटार्नी जनरल और सभी राज्यों से अपने -अपने विचार मांगे हैं.वहीं इस मामले को लेकर गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगला देना ही नहीं चाहिए क्योंकि इससे  जनता के पैसे का दुरुपयोग है. 

 इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहना है कि इस मामले की विस्तृत सुनवाई की जाए. वहीं वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने इसे जनहित का मामला बताया है और इसके लिए कोर्ट ने अमाइक्स क्यूरी (न्यायालय मित्र) बनाई है  इससे पहले लोक प्रहरी नामक संगठन ने भी याचिका दायर की थी जिसपर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया जा चुका है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हमारा मानना है कि जनहित से जुड़ा मामला है, लिहाजा विस्तृत तरीके से इसका परीक्षण जरूरी है. बेंच ने कहा कि इसका असर विभिन्न राज्यों पर ही नहीं बल्कि केंद्रीय कानून पर भी पड़ेगा. इसे देखते हुए पीठ ने वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रह्मणयम को एमिकस क्यूरी नियुक्त करते हुए अदालत की मदद करने के लिए कहा था.

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