फिर से तुम्हारी याद आई है

ढूंढ रहा हूं तुम्हे फिर से अपनी हथेलियों में...  हर हंसी में खामोश सी रूलाई है..  पता नही क्यों आज बोझिल सा है दिल... शायद फिर से तुम्हारी याद आई है..

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