जरूरत फिर से है तिलक गाँधी और सुभाष की आज वतन पर फिर से आई आजादी की बात,,,, जश्न मनाने निकले है70 वी वर्ष गाँठ की याद शहादत करने की मेलों की बारात की,,,, चलो बढाओ कदम से कदम ताल से ताल की जन गण मन की वन्दे मातरम के गान की,,, आजादी का जश्न मनाये लहरा के तिरंगा नारा उच्च स्वर मे भारत माता के अभिमान की,,,