नई दिल्ली। फ़ीरोज़ गाँधी एक भारतीय राजनेता और पत्रकार होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी भी थे। आज उनकी पुण्यतिथि है। तो आइये आपको उनकी पुण्य तिथि के इस अवसर पर उनके जीवन से जुडी कुछ खास जानकारियां साझा करते है।
- फ़ीरोज़ गाँधी का जन्म 12 सितम्बर, 1912 को मुम्बई के एक पारसी परिवार में हुआ था।
- उनका पूरा नाम फिरोज जहाँगीर गांधी था।
- उन्होंने मुंबई से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद लंदन के एक नामी स्कूल से अंतर्राष्ट्रीय क़ानून में ग्रेजुएशन पूर्ण किया।
-इसके बाद वे भारत लौट आये और उस वक्त के प्रतिष्ठित अखबार दी नवजीवन और दी नेशनल हेराल्ड के प्रबन्ध निर्देशक बन गए।
-सन 1942 में उनका उस वक्त के तत्कालीन प्रधानमंत्री ज्वाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गाँधी से विवाह कर लिया था।
-वे 1952 में आम चुनावों में लोकसभा के सदस्य चुन लिए गए थे।
-सन 1956 में उन्होंने प्रधानमंत्री निवास में रहने से इनकार कर दिया था और अपने साधारण से मकान में अकेले ही रहने लगे थे।
-वे 1957 में एक दोबारा लोकसभा के सदस्य चुने गए।
- फ़ीरोज़ गाँधी ने इस दौरान नेहरू सरकार के भ्रष्टाचार के मामले को जोर सोर से उठाया था और इस वजह से उनके ससुर जवाहरलाल नेहरू उन्हें बिलकुल पसंद नहीं करते थे।
नई दिल्ली। फ़ीरोज़ गाँधी एक भारतीय राजनेता और पत्रकार होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी भी थे। आज उनकी पुण्यतिथि है। तो आइये आपको उनकी पुण्य तिथि के इस अवसर पर उनके जीवन से जुडी कुछ खास जानकारियां साझा करते है।
- फ़ीरोज़ गाँधी का जन्म 12 सितम्बर, 1912 को मुम्बई के एक पारसी परिवार में हुआ था।
- उनका पूरा नाम फिरोज जहाँगीर गांधी था।
- उन्होंने मुंबई से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद लंदन के एक नामी स्कूल से अंतर्राष्ट्रीय क़ानून में ग्रेजुएशन पूर्ण किया।
-इसके बाद वे भारत लौट आये और उस वक्त के प्रतिष्ठित अखबार दी नवजीवन और दी नेशनल हेराल्ड के प्रबन्ध निर्देशक बन गए।
-सन 1942 में उनका उस वक्त के तत्कालीन प्रधानमंत्री ज्वाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गाँधी से विवाह कर लिया था।
-वे 1952 में आम चुनावों में लोकसभा के सदस्य चुन लिए गए थे।
-सन 1956 में उन्होंने प्रधानमंत्री निवास में रहने से इनकार कर दिया था और अपने साधारण से मकान में अकेले ही रहने लगे थे।
-वे 1957 में एक दोबारा लोकसभा के सदस्य चुने गए।
- फ़ीरोज़ गाँधी ने इस दौरान नेहरू सरकार के भ्रष्टाचार के मामले को जोर सोर से उठाया था और इस वजह से उनके ससुर जवाहरलाल नेहरू उन्हें बिलकुल पसंद नहीं करते थे।
-उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध शुरू करने वाला पहला भारतीय व्यक्ति भी कहा जाता है।
-वर्ष 1960 में फ़िरोज़ को उन्हें दिल का दौरा पड़ा था और तब से उनकी तबियत बेहद ख़राब रहने लगी थी।
-इसी साल 8 सितम्बर 1960 में फ़ीरोज़ गाँधी का निधन हो गया था।