जो यूजर्स अपना समय अधिक बाहरी खेलकूद की गतिविधियों में व्यतीत करते है उन यूजर्स को नींद की समस्या कम होती है. और जो यूजर्स अपना समय फेसबुक और ट्विटर पर व्यतीत करते है उनको नींद संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है. यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्टसबर्ग की शोधकर्ता जेसिका सी लेवन्सन ने यह बताया है कि सोशल मिडिया यूजर्स की नींद को प्रभावित करती है. इस परिक्षण के लिए 19 से 32 साल के 1,788 लोगों को शामिल किया गया है. परिक्षण में पाया गया है कि प्रतिभागी एक दिन में 61 मिनट ही सोशल मिडिया को देते है. इन प्रतिभागियों में नींद का स्तर ज्यादा देखने को मिला है. जो यूजर्स सप्ताह में फेसबुक या ट्विटर का इस्तेमाल करते है उनमे नींद संबंधी परेशानी तीन गुना ज्यादा होती है. जो यूजर्स सोशल मिडिया पर एक दिन में बहुत समय बिताते है उनमे नींद की परेशानी दोगुनी होने की सम्भावना होती है.