ग्रहों में यदि सबसे भयंकर कोई ग्रह माना जाता है तो वह राहु ही है। राहु को अत्याधिक क्रुर ग्रह तो माना ही जाता है वहीं कुरूप भी यह ग्रह होता है। ज्योतिष शास्त्र में ऐसा कहा जाता है कि यह ग्रह दैत्य वर्ग का होकर इसके शरीर से काली चमक निकलती है। कहने का तात्पर्य यह है कि यदि यह किसी पर प्रसन्न हो जाए तो वारे-न्यारे कर देता है लेकिन कुंडली में विपरित स्थान पर बैठा हो तो समझो संबंधित जातक का बेड़ा गर्क ! अर्थात इतनी परेशानी सामने आती है कि व्यक्ति ़त्रस्त हो जाता है। इसका प्रभाव को कम करने के लिए गोमेद रत्न पहनने की सलाह ज्योतिष शास्त्र में दी गई है। इसके अलावा राहु ग्रह को वायु तत्व प्रधान ग्रह भी माना जाता है। गोमेद रत्न धारण करने व इसके प्रभाव से राहु की प्रतिकुलता या तो कम हो जाती है या फिर समाप्त भी हो सकती है। बुधवार को करें गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ