कंधार में आडवानी ने दबाव में लिया था निर्णय - फारूक अब्दुल्ला

नई दिल्ली : वर्ष 1999 में हुआ कंधार विमान अपहरण कांड फिर सुर्खियों में आ गया है। दरअसल इस मामले में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी विमान में सवार यात्रियों के बदले आतंकियों को छोड़ने के पक्ष में नहीं थे। इस दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवानी ने इस तरह का फैसला जबरन लिया था। फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही में एक अंग्रेजी समाचार पत्र के माध्यम से इस संबंध में जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि संभवतः आडवानी ने जबरदस्ती यह निर्णय लिया था।

मिली जानकारी के अनुसार फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही में एक पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान भी इसी तरह की कुछ बात कही थी। उन्होंने कहा कि कंधार विमान अपहरण कांड में विमान में सवार यात्रियों की सुरक्षित रिहाई के बदले आतंकियों को छोड़ने के निर्णय का विरोध किया गया था। दरअसल वर्ष 1999 में आतंकियों के हाथ लगे इस विमान में जम्मू कश्मीर के मौजूदा मुख्यमंत्री की बेटी रूबैया सईद भी सवार थीं।

जिसके बाद केंद्र सरकार ने आतंकियों को छोड़ने का निर्णय लिया था। जम्मू कश्मीर की सरकार के निर्णय को भी केंद्र सरकार ने किनारे पर रख दिया। इस मसले पर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि नई दिल्ली को कश्मीरी जनता पर विश्वास करने की आवश्यकता है। देश को आतंकवाद से सामना करने की कीमत चुकाने के लिए तैयार रहना ही था। हालांकि आडवानी इस बात के समर्थन में नहीं थे लेकिन हो सकता है उन्होंने मजबूरीवश ऐसा किया हो।

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