रेप केस में झूठे फंसे व्यक्ति ने की 200 करोड़ रूपये हर्जाने की मांग

मुंबई: रेप के एक मामले में बेवजह ही एक निर्दोष व्यक्ति को 7 साल की सजा को भुगतना पड़ी और इसके लिए उसे अपने समाज से भी अलग कर दिया गया था. अब इस शख्स ने 200 करोड़ रूपये के हर्जाने की मांग की है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इससे उसका परिवार भी पूरी तरह से उजड़ गया. इस पीड़ित व्यक्ति का नाम है गोपाल शेट्टे जो की कह रहे है की कोई और भी मेरी तरह ऐसी स्थिति का शिकार न हो जाए इसके लिए मैंने हर्जाने की मांग की है,  गोपाल शेट्टे ने सजा देने वाले सेशन कोर्ट के जज, पैरवी करने वाले सरकारी वकील और जांच में झूठा फंसाने वाले जांच अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग दोहराई है. 

गोपाल रामदास शेट्टे मुंबई आए थे व यह मामला 2009 का है। मुंबई के घाटकोपर रेलवे स्टेशन के पुल पर उस समय एक लड़की से रेप की घटना घटित हुई थी व इसमें रेपकर्मी का नाम गोपी बताया गया था। तथा गोपाल शेट्टे को गोपी समझकर रेलवे की पुलिस ने धर लिया. उस समय गोपाल शेट्टे ने पुलिस को बहुत कहा की में गोपी नहीं गोपाल रामदास शेट्टे हूँ, लेकिन उन्होंने मेरी एक भी नही सुनी और जीआरपी पुलिस ने मुझे चार दिन तक बिना किसी लिखा-पढ़ी के लॉकअप में रखा बाद में आरोपी बना दिया। 

तथा पहचान परेड के दिन भी जब लड़की नहीं पहचान पाई तो उंगली से इशारा कर शिनाख्त करा दी गई, कि मैं ही वह शख्स हूँ जिसने उसका बलात्कार किया था. और इसमें मुझे सात साल की सजा हो गई व इसके कारण सदमे में मेरे पिताजी भी चल बसे व पत्नी भी घर से चली गई व मेरी दोनों बेटियां भी अनाथालय में है. गोपाल ने कहा की मैंने ऐसे में भी हिम्मत नही हारी व जेल में ही दो ग्रेजुएशन किए व आरटीआई के जरिए अपनी बेगुनाही के सबूत जुटाए। पैसे की कमी के चलते मैंने अपनी पैरवी खुद ही की। गोपाल शेट्टे का कहना है कि 6 साल बाद आखिरकार हाईकोर्ट से न्याय तो मिला लेकिन अधूरा। गोपाल ने आरटीआई के जरिए सीसीटीवी के फुटेज भी मांगे है, जिसमे पुलिस ने उसके होने की बात कही थी. पुलिस ने इसके लिए पहले तो आनाकानी की व फिर मजबूर होकर वह फुटेज देना ही पड़ा. 

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