विष्णु जी और लक्ष्मी जी एक दूसरे से बात करते करते - लक्ष्मी जी : सारा संसार पैसे (मेरे) से चल रहा है, अगर इस संसार में मैं नहीं तो कुछ नहीं विष्णु जी (मुस्कुरा के) :- सिद्ध करके दिखाओ.? लक्ष्मी जी ने पृथ्वी पर एक शवयात्रा का दृश्य दिखाया - जिसमे लोग शव पर पैसा फेंक रहे थे, कुछ लोग उस पैसे को लूट रहे थे, तो कुछ बटोर रहे थे, तो कोई छीन रहा था। लक्ष्मी जी :- देखा कितनी कीमत है पैसों की..? विष्णु जी:- परन्तु लाश नहीं उठी पैसे उठाने के लिए.? लक्ष्मी जी:- अरे, लाश कैसे उठेगी वो तो मरी हुई है बेजान है। तब विष्णु जी ने बड़ा खूबसूरत जवाब दिया, बोले जब तक मैं (प्राण) शरीर में हूं.तब तक ही तुम्हारी कीमत है। और जैसे ही मैं शरीर से निकला तुम्हारी कोई कीमत नहीं है।।