भैंस की चर्बी का बढ़ रहा निर्यात

जहाँ एक तरह बीफ विवाद ने देश का आलम ख़राब कर रखा है वहीँ दूसरी तरफ अब यह बात सुनने में आ रही है कि भैंस की चर्बी का निर्यात चालू है. जी हाँ, सुनने में यह भी आ रहा है कि ना केवल यह निर्यात चालू है बल्कि साथ ही चर्बी के निर्यात में तेजी का आलम भी बना हुआ है. बताया जा रहा है कि भैंस की चर्बी को बेचने के मामले में केंद्र सरकार के द्वारा भी ढील दी गई है और इस पर लगी पाबंदी भी हटा दी गई है.

एक अख़बार के द्वारा यह बात सामने आई है कि जैसे ही सरकार के द्वारा पाबन्दी पर ढील को कम किया गया है तब से हर महीने में भैंस की चर्बी के निर्यात में तेजी देखने को मिल रही है. सूत्रों से यह बात सामने आई है कि वनस्पति तेल में भैंस की चर्बी मिली होने की खबर 32 वर्ष पहले सामने आई थी और अब कही जाकर सरकार के द्वारा इसके निर्यात पर कोई फैसला लिया गया है.

साथ ही मामले में अधिक जानकारी देते हुए आपको यह बता दे कि 31 दिसंबर 2014 को चर्बी के निर्यात को लेकर फैसला सामने आया था और साल 2015 में जनवरी से मार्च माह के बीच 29 लाख 85 हजार रु की भैंस की चर्बी का निर्यात हुआ है.

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