आपातकालीन सेवाओ के नाम पर शून्य 108 सेवाए,रेफर केस से मांगे 1000 रूपये

अलीराजपुर : अलीराजपुर जिले में प्रदेश मुख्यालय से संचालित 108 एम्बुलेंस की सेवाओ के हाल बेहाल हे। किन्तु इसके जवाबदार राम राज्य में प्रजा को सुखी करने में लगे हे। कई गाडियो में सुविधाओ का आभाव हे। तो कइयों के ड्राईवर को टेक्निकल जानकारी ही नहीं हे। निशुल्क सेवाओ के बाद भी एक मामला ऐसा आया हे जिसमे वाहन चालक ने मरीज से 1000 रूपये जबरन वसूल लिए। 

1000 रुपये की अवैध वसूली प्रत्यक्ष दर्शी सुरसिंग सोलंकी निवासी सोण्डवा ने बताया की अलीराजपुर के नानपुर की एक गाड़ी MP 02 AV 4950 नंबर की 108 ने 28 जून 2015 को एक रेफर केस लेकर छोटा उदयपुर आये थे। वह पर गाड़ी के ड्राईवर ने मरीज में परिजनों से 1000 रूपये मांगे। मरीज घर से मात्र 2000 रूपये लेकर निकल था। और बहार जाने के कारण उसे वहां पेसो की आवश्यकता भी हो सकती थी। तमाम परिस्थितियो से अवगत करवाने के बाद भी 108 एम्बुलेंस का ड्राईवर टस से मस नहीं हुआ और 1000 रूपये लेकर ही वापस आया। घटना से स्पष्ट हे कि 108 सेवाए सिर्फ नाम की ही निःशुल्क है। संसाधनों का आभाव गत दिनों अम्बुआ के आगे हुए एक्ससिडेंट में गंभीर रूप से घायल एक 2 वर्षीय बालिका को इंदौर के MY हॉस्पिटल में रेफर किया गया। एमर्जेन्सी होने के कारन उसे 108 के माध्यम से इंदौर भेजा जा रहा था। छोटा उउदयपुर में अवेध वसूली करने वाली ही 108 एम्बुलेन्स MP 02 AV 4950 को इंदौर भेजा जा रहा था। 

गाड़ी आ भी गई और घायल बालिका को गाड़ी में बेठा भी दिया गया। किन्तु 1 घंटे तक ऑक्सीजन का सिलेंडर ही उपलभ्ध नहीं हो पाया। जब पीड़ित के परिजनों ने हंगामा किया तब अलीराजपुर के दूसरे वाहन से सिलेंडर उपलब्ध कराया गया। ड्राईवर को नहीं हे टेक्नीकल जानकारी MY के लिए गंभीर घायल बालिका को 108 की गाड़ी में बैठने के बाद 45 मिनिट तक तो ऑक्सीजन की व्यवस्था करते रही। बाद में पता चला गाड़ी में पीछे की सभी लाइट और पंखे बंद है। ड्राईवर को बोलने पर उस ड्राईवर ने ऐसा जवाब दिया की सब चकित हो गए। तब वही जिला चिकित्सालय के टीकाकरण रथ के वाहन चालक रामसिंग मौर्य को बुलाया गया और उनसे नई बैटरी फिट करवा कर गाड़ी को इंदौर के लिए रवाना करवाया। ड्राईवर से पूछने पर उसने बताया की मुझे टेक्नीकल जानकारी बिलकुल भी नहीं हे। 

कट्ठीवाड़ा में बंद कर दी 108 की सेवाए। जिले के पहाड़ी इलाके जो मिनी काश्मीर के नाम से विक्यात हे कट्ठीवाड़ा में 108 के संचालको ने अपनी सेवाए बंद कर दी। सूत्रो में अनुसार वहा पर उन्हें प्रयाप्त केस नहीं मिलने के कारन सेवाए बंद कर दी। सवाल यह उठता हे की क्या केस कम होने से ऐसी आपात सेवाए बंद करना स्वार्थवश नहीं दिखती। 

गंभीर और चिंतनीय विषय सभी पहलुओ को देख कर 108 की आपातकालीन सेवाओं पर सवालिया प्रश्नचिंह लगता है। निशुल्क सेवा के नाम पर भी पैसो की वसूली, टेक्निकल जानकारी के बिना भी ड्राइवर को आपातकालीन गाडियो पर पदस्थ करना, और सबसे महत्वपूर्ण चीज गाडी मे आक्सीजन के सिलेंडरों का अभाव किस हद की आपातकालीन सेवा मेँ पूरी तरह से खरा उतार रहा है। देखना यह हे की इस खुलासे के बाद जिले के कप्तान शेखर वर्मा और अन्य जवाबदार क्या कदम उठाते हे।

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