चुनाव और बंगाल, हर बार हिंसा ! कोलकाता हाई कोर्ट ने कहा- सभी जिलों में केंद्रीय बलों की तैनाती हो

कोलकाता: सीएम ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) शासित पश्चिम बंगाल में जब भी कोई चुनाव होता है, उस दौरान  हिंसा होती ही है, ये बीते कई चुनावों में साबित हो चुका है। इसी प्रकार इस बार पंचायत चुनाव से पहले एक बार फिर बंगाल हिंसा की आग में जलने लगा है। हिंसा को देखते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पंचायत चुनाव के दौरान बंगाल के सभी जिलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (Central Paramilitary Forces) को तैनात करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम के नेतृत्व वाली एक खंडपीठ ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग 48 घंटे के भीतर केंद्र सरकार से केंद्रीय बलों के लिए आग्रह करे।

रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने कहा कि ऐसे क्षेत्रों में जहाँ केंद्रीय बलों को तैनात नहीं किया जाता है, वहाँ शांति और सुरक्षा राज्य पुलिस की जवाबदेही होनी चाहिए। न्यायालय ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग (SEC) को मतदान एजेंटों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। SEC को संवेदनशील क्षेत्रों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की माँग के बारे में सोचना चाहिए। वहीं, उच्च न्यायालय ने नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने के आग्रह पर विचार करने से मना कर दिया। अदालत ने कहा कि समय सीमा बढ़ाने का फैसला राज्य चुनाव आयोग को करना चाहिए और वह फैसला लेने में सक्षम है। इससे पहले राज्य चुनाव आयोग ने अदालत को बताया था कि वह नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख एक दिन बढ़ाकर 16 जून कर सकता है। 

बता दें कि पश्चिम बंगाल में 75000 पंचायत सीटों पर होने वाले त्रिस्तरीय चुनाव में 8 जुलाई 2023 को वोटिंग होने वाली हैं। चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले प्रत्याशियों के नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 20 जून है। वहीं, मतगणना 11 जुलाई 2011 को की जाएगी। इन सबके बीच नामांकन दाखिल करने के दौरान गुुुरुवार (15 जून 2023) को प्रदेश में कई स्थानों पर हिंसा देखने को मिली। उत्तरी दिनाजपुर जिले में चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने जा रहे तीन लोगों को बदमाशों ने गोली मार दी। इनमें से एक की जान चली गई है। वहीं, दो घायलों को अस्पताल में एडमिट कराया गया है। बंगाल में पंचायत चुनाव का ऐलान होने के बाद से एक कांग्रेस कार्यकर्ता और एक CPIM कार्यकर्ता की हत्या हो चुकी है।  हालाँकि, हैरान करने वाली बात यह है कि, अपने कार्यकर्ता की हत्या के बावजूद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला है, शायद गांधी परिवार यह सोचकर चुप है, कि कहीं उनके बोलने से 2024 चुनाव से पहले विपक्षी एकता में दरार न पड़ जाए। 

बता दें कि CPIM ने दावा करते हुए कहा कि तीनों व्यक्ति वाम मोर्चा और कांग्रेस समर्थक थे। वहीं, बंगाल भाजपा इकाई के अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि प्रदेश में भयंकर स्थिति है। इस स्थिति में चुनाव होना नामुमकिन है। केंद्रीय बलों की जरूरत है। इससे पहले नामांकन के पहले दिन यानी शुक्रवार (9 जून, 2023) को मुर्शिदाबाद जिले में स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता का क़त्ल कर दिया गया था। वहीं, स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया था कि हत्या सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने करवाई है। इसके बाद 10 जून को TMC, CPM और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई। इस हिंसा के बीच पुलिस ने TMC नेता बशीर मुल्ला को तमंचे के साथ अरेस्ट किया था।

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