एक चिन्तन बदल देता है

एक चिन्तन बदल देता है जीवन को एक सुविचार सँवार देता है मन को . खिल जाता जीवन इसी धरती पर धरती ही पोषण देती सबके तन को . अब कमजोर हो रही रिश्तों की डोर लोग अधिक महत्त्व दे रहे हैं धन को . बच्चों से अपेक्षाएँ हो रही बड़ो जैसी  लोग समझ नही पा रहे है बचपन को . आँधियाँ झकझोर देती हैं जिन्दगी लोग चाहते हैं शीतल मन्द पवन को . पर्दे से ढक जाता आभामय मुखड़ा लोग निहारते रहते हैं चिलमन को . इंसाँ चाहता पूरी धरा पर साम्राज्य दो गज ही कपड़ा चाहिए कफन को . यहाँ किराए का घर, किराए के लोग इंसाँ प्राथमिकता देता स्व सदन को . आज्ञा का मान रखना है महत्वपूर्ण एक बात पर कोई चला गया वन को . प्रेम बाँटकर निहाल हो जाओ 'प्रकाश' प्रेम व विनम्रता जीत लेती दुश्मन को

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