एक बिहारी की तपस्या

एक बिहारी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान उसको अमृत देते हैं तो वो मना कर देता है भगवान – क्यों वत्स..अमृत क्यों नहीं पी रहे. बिहारी -अभिये खैनी खाये हैं प्रभु।।

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