यह एहतराम तो करना ज़रूर पड़ता है जो तू ख़रीदे तो बिकना ज़रूर पड़ता है बड़े सलीक़े से यह कह के ज़िन्दगी गुज़री हर एक शख़्स को मरना ज़रूर पड़ता है वो दोस्ती हो मुहब्बत हो चाहे सोना हो कसौटियों पे परखना ज़रूर पड़ता है कभी जवानी से पहले कभी बुढ़ापे में ख़ुदा के सामने झुकना ज़रूर पड़ता है हो चाहे जितनी पुरानी भी दुश्मनी लेकिन कोई पुकारे तो रुकना ज़रूर पड़ता है शराब पी के बहकने से कौन रोकेगा शराब पी के बहकना ज़रूर पड़ता है वफ़ा की राह पे चलिए मगर ये ध्यान रहे कि दरमियान में सहरा ज़रूर पड़ता है