ए भारत वासी विचार करो

हृदय से वंदन, नित् अभिनन्दन अतिथि देवो भव चरितार्थ करो,, कुछ तो मान रखो भारत माँ का इसका मत अपमान करो,, याद रखो जो पाया इसकी कृपा प्रकति भूमि जल छाया सब ही सुदूर देश से आने वाले युगों तक गाथा इसकी गायेंगे,  नेक नीयती से पन्ने भर के जायेंगे विचार करो ए भारत वासी,विचार करो

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